नेचुरल गैस का स्टोरेज उम्मीद से ज्यादा, मांग में कमजोरी का संकेत
जून 2025 | न्यूज़टाइम्ज़ एनर्जी डेस्क
इस हफ्ते एक अहम रिपोर्ट सामने आई है जिससे नेचुरल गैस की कीमतों और बाजार की दिशा को लेकर कुछ नए संकेत मिले हैं अमेरिका की एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी EIA ने ताज़ा रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि पिछले हफ्ते गैस का स्टोरेज 96 बिलियन क्यूबिक फीट यानी 96 Bcf हुआ है ये आंकड़ा बाजार की उम्मीद से भी ज्यादा है और पिछले हफ्ते के 95 Bcf से भी ज़्यादा है
अब इसका मतलब क्या है सीधी सी बात ये है कि गैस की मांग कम रही है और स्टोरेज बढ़ता जा रहा हैजब डिमांड कम होती है और सप्लाई ज्यादा तो ज़ाहिर है कि प्राइस यानी कीमत पर असर पड़ता है यही इस रिपोर्ट का मुख्य संदेश है
क्यों बढ़ गया स्टोरेज
रिपोर्ट से पहले जो अनुमान था वो ये था कि इस हफ्ते करीब 88 Bcf गैस स्टोर होगी लेकिन जब असल आंकड़ा आया तो वो 96 Bcf निकला इसका साफ मतलब है कि या तो डिमांड में कमी रही या फिर सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो गई और शायद दोनों ही बातें सही हों
इसका असर ये होता है कि बाजार को लगने लगता है कि गैस की ज़रूरत इतनी नहीं है जितनी बन रही है और जब स्टोर में गैस भरती जाती है तो खरीदार कम हो जाते हैं और कीमतें गिरने लगती हैं
क्यों बढ़ गया स्टोरेज
रिपोर्ट से पहले जो अनुमान था वो ये था कि इस हफ्ते करीब 88 Bcf गैस स्टोर होगी। लेकिन जब असल आंकड़ा आया तो वो 96 Bcf निकला। इसका साफ मतलब है कि या तो डिमांड में कमी रही या फिर सप्लाई जरूरत से ज्यादा हो गई और शायद दोनों ही बातें सही हों
इसका असर ये होता है कि बाजार को लगने लगता है कि गैस की ज़रूरत इतनी नहीं है जितनी बन रही है और जब स्टोर में गैस भरती जाती है तो खरीदार कम हो जाते हैं और कीमतें गिरने लगती हैं
आंकड़ों पर एक नजर
हफ्ता खत्म होने की तारीख | स्टोरेज (Bcf) | अनुमानित आंकड़ा | पिछला हफ्ता |
---|---|---|---|
20 जून 2025 | 96 | 88 | 95 |
दो हफ्तों से लगातार जो आंकड़े आ रहे हैं वो यही बता रहे हैं कि गैस की मांग कमजोर है और सप्लाई लगातार बढ़ रही है ये एक लंबी अवधि का ट्रेंड भी हो सकता है अगर यही सिलसिला चलता रहा
बाजार पर क्या असर होगा
अब जब स्टोरेज बढ़ रहा है और डिमांड कमजोर है तो सबसे पहला असर कीमतों पर पड़ता है गैस की कीमतें धीरे-धीरे नीचे जा सकती हैं ट्रेडर्स यानी कारोबारी लोग ये सोचने लगते हैं कि अगर डिमांड कम है तो अब ज़रूरत से ज़्यादा गैस स्टोर में पड़ी रहेगी और प्राइस नीचे चला जाएगा
इस रिपोर्ट के आने के बाद गैस के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स यानी भविष्य की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखी गई अगर यही ट्रेंड चलता रहा और गर्मियों में ज्यादा गर्मी नहीं पड़ी तो आने वाले हफ्तों में प्राइस और भी नीचे जा सकती है
गैस की डिमांड क्यों घट रही है
कई वजहें हो सकती हैं
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मौसम ठंडा रहा है – इस साल गर्मी उतनी नहीं पड़ी है जितनी आमतौर पर जून में पड़ती है जब गर्मी कम होती है तो एयर कंडीशनर का इस्तेमाल भी कम होता है जिससे बिजली की खपत घटती है और बिजली बनाने के लिए गैस का इस्तेमाल कम होता है
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उत्पादन बहुत ज्यादा हो रहा है – अमेरिका में इस समय नेचुरल गैस का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है हर दिन लगभग 106 Bcf गैस बनाई जा रही है जब इतनी ज्यादा सप्लाई हो और डिमांड उतनी ना हो तो स्टोरेज बढ़ ही जाएगा
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उद्योगों की खपत घटी है – कई फैक्ट्रियां और प्लांट शायद पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे खासकर वैश्विक मंदी और आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से
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एक्सपोर्ट में रुकावटें – भले ही अमेरिका गैस को दूसरे देशों को बेच रहा है (LNG के ज़रिए) लेकिन अगर बंदरगाहों पर दिक्कतें हो या मरम्मत का काम चल रहा हो तो एक्सपोर्ट कम हो जाता है और गैस अमेरिका में ही रह जाती है
कनाडा पर असर
अब आप सोच सकते हैं कि अमेरिका की रिपोर्ट का कनाडा से क्या लेना-देना लेकिन असल में बहुत कुछ लेना देना है क्योंकि कनाडा एक बड़ा ऊर्जा निर्यातक है और उसका डॉलर यानी CAD गैस और तेल की कीमतों से सीधा जुड़ा हुआ है
जब अमेरिका में गैस की कीमतें गिरती हैं तो इसका असर कनाडा के एक्सपोर्ट पर पड़ता है इनकम कम होती है निवेशक घबराते हैं और इससे कनाडाई डॉलर कमजोर हो सकता है और अगर ये ट्रेंड लंबा चला तो कनाडा की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है
आगे क्या हो सकता है
अब सवाल उठता है – क्या ये बस एक हफ्ते की बात है या कोई बड़ा बदलाव शुरू हो गया है
संभावित परिदृश्य ये हो सकते हैं
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अगर गर्मी तेज़ हुई – जुलाई और अगस्त में अगर तापमान बढ़ता है तो एसी ज्यादा चलेंगे बिजली की डिमांड बढ़ेगी और उससे गैस की खपत बढ़ेगी इसका असर होगा कि स्टोरेज घटेगा और कीमतें स्थिर हो सकती हैं
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LNG एक्सपोर्ट बढ़ा – इस साल के दूसरे हिस्से में अमेरिका से गैस एक्सपोर्ट और तेज़ होने वाला है यूरोप और एशिया में मांग बनी हुई है अगर वहां ज्यादा गैस भेजी गई तो घरेलू स्टोरेज पर दबाव कम होगा
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प्रोडक्शन कम हो सकता है – अगर कीमतें और नीचे जाती हैं तो छोटे उत्पादक गैस बनाना कम कर सकते हैं ताकि घाटा ना हो इससे सप्लाई और डिमांड में संतुलन आ सकता है
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उद्योगों की मांग और घट सकती है – अगर वैश्विक मंदी बढ़ती है तो कारखानों की गैस खपत और कम हो सकती है इससे ट्रेंड और कमजोर हो जाएगा
जानकार क्या कहते हैं
एनर्जी एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये आंकड़े कुछ तो संकेत देते हैं लेकिन पक्का कुछ कहा नहीं जा सकता ह्यूस्टन के एक एनर्जी इकोनॉमिस्ट थॉमस ब्रूअर का कहना है
96 Bcf का स्टोरेज निश्चित तौर पर सीजन के लिहाज से ज्यादा है इससे पता चलता है कि प्रोडक्शन तो ज्यादा है ही साथ ही डिमांड में भी ठहराव है लेकिन मौसम या जियोपॉलिटिक्स के चलते हालात जल्दी बदल भी सकते हैं
निष्कर्ष
कुल मिलाकर जो ताज़ा रिपोर्ट आई है वो ये दिखा रही है कि नेचुरल गैस की मांग उस स्तर तक नहीं पहुंची है जिसकी उम्मीद थी और स्टोरेज लगातार बढ़ रहा है ये बात बाजार के लिए चिंता की हो सकती है
अगर आने वाले हफ्तों में गर्मी नहीं बढ़ी या एक्सपोर्ट में कोई तेजी नहीं आई तो गैस की कीमतें और गिर सकती हैं इसका असर न केवल अमेरिका में बल्कि कनाडा जैसे देशों पर भी पड़ सकता है
अब सबकी नजरें अगली रिपोर्ट्स पर रहेंगी जो ये बताएंगी कि ये सिर्फ एक अस्थायी बदलाव है या एक लंबे समय का नया ट्रेंड